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दिल की वादियाँ खामोशी में डूबी रही,कैसे पहचाना नहीं खुद को ही जाना नहीं,बात भी माना नहीं। याद आपकी आ रही,ख़्वाब भी सजती रही ख़यालो में आपके ही,दिल है रह रही। ...