1 Part
279 times read
4 Liked
नाली के कीडे को भी अपना जीवन प्यारा इंसा होकर भी तू इस जीवन से हारा प्राण पड़े जिस तन में उसमे मोह है जागा दुखों से डकर क्यों इंसा रणभूमि ...