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जीने का अंदाज सालों से बंद तन्हाईयों की खिड़की खोली तो। मन पंछी बन ऊँची उड़ान भरने लगा। महसूस हो रही उस ठंडी बायर में। समुद्र सी लहर लिए उठने लगा। ...