कविता! प्रिय कविता!

1 Part

261 times read

7 Liked

कविता! प्रिय कविता.. सुनो! तुम जानती हो?? मैं तुम्हारी रचयिता! मैं तुम्हारी सृजनकर्ता! हूँ नहीं, तुमसे उम्दा, तुमसे अच्छी.. तुम तो हो मेरे एक क्षण का नन्हा सा भाव.. कभी प्रेम, ...

×