देखो चांद डूब रहा है   लड़िया समेट कर तारे भी  चल पड़े घर की ओर  आया प्रभात  हौले से   छेड़  छेड़ मीठी तान  कहा चलो अर्चना सागर तट  परछाइयां सूरज ...

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