आज तुम्हारी बारी

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आज तुम्हारी बारी है,कल मेरी भी बारी होगी इरादा अगर जंग का है,तो जंग की तैयारी होगी। याद रखना वो महीना दिसम्बर का हो तुम्हारे होंठ कापेंगे,मुझपे आतिश की खुमारी होगी। ...

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