पिंजरा #लेखनी प्रतियोगिता -22-Nov-2021

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पिंजरा.. चाहा ना था कभी बंधन में बंधना फिर भी रिस्तों के बंधन में बंधती गई उड़ना जो चाहती थी खुले आसमां में पिजंरे में जाने को वो छटपटाने लगी खुला ...

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