लेखनी काव्य कविता -23-Nov-2021

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🌹अच्छा लगता है🌹  संझा ने कहा रोशनी से जब हजारों दीप एक साथ प्रज्जवलित होते हैं दीपों की माला पिरोना अच्छा लगता है रात्रि मुस्कायी, रात के अन्तिम पहरी छोर पे ...

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