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तुम हो,तुम ही तो हो न मेरी चाहत ,मेरी राहत ,मेरे रंगीन ख्वाबों की वो हसी आहट तुम हो ,तुम ही तो हो न खुले आंगन की ठंडी धूप, वो चांदनी ...