काल यज्ञ #लेखनी प्रतियोगिता -24-Nov-2021

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दिनों-महीनों खेलूं  जब आँख मिचौनी बादल के उस पार मिटाऊं क्लान्ति  और ढूंढता रहूं   --   शांत -एकान्त या जब हाहाकार मचा दूं अपनी ज्योति-किरण से बन दधीच उत्सर्गित होऊं और  दिखाऊ ...

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