1 Part
278 times read
4 Liked
कविता ः कविता ःकहीं धूप कहीं छाया जिंदगी है एक पाठशाला कभी धूप होता कभी छाया सुख की बंशी जैसे नंदशाला गैयन टपकावैं अमृत सारा दुख की नगरी होतीहै बड़ी रीत ...