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विधा :- मुक्तक (मात्रा भार 23) आंगन मेरा खिल जाए तेरे आने से, सुकून मुझे मिलता तेरे मिल जाने से, मोहब्बत पर मेरी कोई पहरा न हो, कोई रोके ना प्रेम ...