जिंदगी कभी धूप कभी छाया लेखनी कविता-26-Nov-2021

1 Part

303 times read

4 Liked

जिंदगी मे कभी धूप तो कभी छाया हे ईश्वर तेरी माया को कहाँ किसी के समझ मे आया किसी ने महल बनवाया तो किसी ने झोपड़ी मे जीवन बसर कर दी ...

×