मेरे ख्वाबों की ताबीर

1 Part

33 times read

2 Liked

ज़िन्दगी ख्वाब ही सही ,कोई ताबीर तो बने चुराए है रंग सतरंगी से कई, धुंधली ही सही तेरी तस्वीर तो बने वजह तो कुछ भी नहीं मेरी उदासियो की फिर क्यों ...

×