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सासू माँ (कविता - स्वतंत्र विधा) सासू मांँ है प्यारी सी, लाड लड़ाती न्यारी सी। प्यार के उनके परिभाषा अलग, थोड़ा प्यार थोड़े गुस्से से समझाती। हमको सब दुनियादारी का पाठ ...