तरही ग़ज़ल

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कुछ भी हो  तो  भूल   मत   जाना   मुझे। जब भी मिलना प्यार  से   मिलना  मुझे। एक  तुम   तक  मुख़्तसर    है    ज़िंदगी। एक    तेरे     साथ      है     चलना    मुझे। संग दिल  है  ख़्वाब  ...

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