अकेलापन

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अकेलापन..........  हजारों की भीड़ है मेरे चारों तरफ सुबह से ले कर रात गिरी रहती हुँ इस भीड़ से, फिर भी मेरा मन बेचैन रहता है ये कौन से मेरे अपने ...

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