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आम्रपाली अपने शयनकक्ष में अपना सौंदर्य निहार रही होती है। कहाँ पहले उसे अपने रंगरूप पर कितना अहंकार, कितना गर्व महसूस होता था और होता भी क्यों नहीं, समूचे वैशाली राज्य ...