अपना घर

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चारों तरफ एक सन्नाटा सा छाया हुआ था तभी ख़ामोशी को चीरते हुए जज साहब की आवाज़ मेरे कानो मे तीर की तरह चुभते  हुए मेरे दिल की धड़कनो को तेज़ ...

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