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कलम......... कलम अद्भुत हो तुम निर्जीव मगर एहसासों की जुबाँ, कभी तीखी तलवार, कभी किसी का प्यार हो l दिला सकती हो लाखो का साथ l मिटा सकती हो दुख दर्द, ...