लेखनी कहानी -01-Dec-2021

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बूढा गांव  एक नज़र डाल तू मुझपे, मैं तेरा इतिहास हूँ,  काल खड़ा था तेरी ख़ातिर,  आज मैं पलाश हूँ।  घूम ले चाहे जहा तू,  ले मजा तू जीत का,  पर ...

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