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मुद्दतों से जिसके लिए ये दिल बेक़रार था, लौट कर तो नहीं आया, मगर इन्तजार था | बनकर हमसफ़र वो बिच राह मुझे छोड़ गया था, मैं फंसा रह गया भंवर ...