लेखनी कहानी -02-Dec-2021

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ये जिंदगी एक जुआ लगती है | कभी दुआ तो कभी बददुआ लगती है || जिये आशा में आशावादी कैसे | पिछे खाई आगे कुआँ लगती है || ...

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