शबाब और ख्वाब

1 Part

350 times read

3 Liked

वो आई शबाब की  तरह,  दिल मे समाई ख्वाब की तरह,  सारी गलती ही मेरी रख दी,  फिर बाद मे सज़ा भी दी तो अज़ाब की तरह...  Waseem  ...

×