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भाग -2 कसमें, वादे, उल्फत, दावे ही प्यार नहीं बस परवाह ज़रूरी है अपने की....... पहले दिन ही नजमा काम को समझने में खो गई। इंटरकॉम की बजती आवाज़ जैसे उसको ...