अरुण थोड़ी देर तक उस ढाबे के सामने खड़ा रहा, उसके मस्तिष्क में विचारों का भंवर हिलोरें मार रहा था। न चाहते हुए भी बार बार उन मासूमों के दृश्य उसकी ...

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