लेखनी प्रतियोगिता -04-Dec-2021 स्वर्ण कलश

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🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 न जाने कैसे सांचे में ढल गये, संघर्षों की तपती धूंप में--- पांव भी जल गये, हम थे अर्श की मिट्टी--- क्या जादू चला दिया, हे प्रभु आपने श्रेष्ठ---    ...

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