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तुम्हारे होंठों के बीच पूरी रात सुलगती रहती हूँ, ख़त्म हो जाती हूँ जलकर जब, पैरों तले रौंद दी जाती हूँ। हर रोज़ एक बुझती है तो, दूसरी जलती है। यह ...