1 Part
246 times read
7 Liked
तुम्हारे होंठों के बीच पूरी रात सुलगती रहती हूँ, ख़त्म हो जाती हूँ जलकर जब, पैरों तले रौंद दी जाती हूँ। हर रोज़ एक बुझती है तो, दूसरी जलती है। यह ...