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मैं लिखना चाहूं खुद को.... जैसे कोई खिलता फूल या पत्तों पर ठहरी ओस की कोई बूंद कभी कभी शांत समंदर सी या कभी खौलता ज्वालामुखी कभी बारिश की छम छम ...