इक नयी सुबह...!!

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सुबह हूं मैं मीठी धूप की तरह सफेद उजले आसमान में, बिखरे कोरे कागज की तरह... हर सुबह होती है इन्हीं, कोरे पन्नों को भरने के लिए... दिन लिखते लिखते अंधेरा ...

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