इक नयी सुबह...!!

1 Part

316 times read

17 Liked

सुबह हूं मैं मीठी धूप की तरह सफेद उजले आसमान में, बिखरे कोरे कागज की तरह... हर सुबह होती है इन्हीं, कोरे पन्नों को भरने के लिए... दिन लिखते लिखते अंधेरा ...

×