नई सुबह

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अंधेरा अपने ही आगोश में सिमटने लगा, लालिमा लिए जब उजाला छिटकने लगा, बरगद के पेड़ पर पंछियों का चहचहाना, फूलों के पौधे में कलियों का खिल आना,  मुर्गे भी उठकर ...

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