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🌻🌼🌻🌼🌻🌼🌻🌼 ॐ 🌻🌼🌻🌼🌻🌼 था वो पानी का बुलबुला, क्या विशाल क्या भव्य। फूट गया तो बस नमी, रहा हाथ के मध्य।। बड़े-बड़े आलीशान मकान, बने रहे चारों ...