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खुशियां गुलाबों की तरह होती है। हजारों कांटों में कुछ फूल नसीब होते हैं।। तभी पीछे से वंदा रिंग लेकर प्रकट हुई उसके साथ विनीत और वीरेंद्र की पत्नी भी थी। ...