मैं परदेसी हो गया

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आज माँ की सुबह से बहुत याद आ रही थी ज़ब से यहाँ आया हुँ, तब से लेकर अभी तक गांव नहीं जा पाया हुँ,  शहर की भागती दौड़ती ज़िन्दगी मे ...

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