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गज़ल यहाँ ऐंसे कयामत हो रही है। मोहब्बत में अदावत हो रही है।। जिन्हे कल तक समझते थे वो दुश्मन। उन्ही की अब तिजारत हो रही है।। यकीं कैसे करें तुम ...