लेखनी कहानी -09-Dec-2021शिकायत

1 Part

137 times read

8 Liked

कहते हो, बहुत शिकायतें करती हूं। काश दिल खोल कर, दिल की जुबां सुनी होती। एक बार तो ,मन की किताब  खोल लेते मेरी। फिर शिकायतों की ,कोई गुंजाइश ही नहीं ...

×