लेखनी प्रतियोगिता -10-Dec-2021 समुंदर के जैसे खारी हो गई हूं

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🌊🌊🌊🌊🌊🌊🌊 ॐ🌊🌊🌊🌊🌊🌊 समुंदर के जैसी खारी  हो गई हूं , माँ बाबा का घर छोड़ चली-- हो गई सुहागन नारी हो गई हूं,   बिताए लम्हे  जीवन में सुख दुख के-- सुख ...

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