कविता ःवह था तो अजनबी लेकिन...

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कविता ः कविता ःथा तो वह अजनबी लेकिन... दिल में बस एक हूक बनकर छुपा था वह  कहीं... मन की गलियों से रोज झांका करता था वह अक्सर.. टीस बनकर हृदय ...

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