लेखनी कहानी -12-Dec-2021 कविता - घर आवास

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घर -आवास  संस्कारों से पोषित , हो स्नेह से आच्छादित  कामनाओं के कलावे से --- परिपूरित  हो स्तंभों (बुजुर्गों ) के  आशीर्वाद से ---अभिमंत्रित  धन्य धन्य वो बड़भागी , जिसके आवास ...

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