मन का झरोखे

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मन के झरोखे खोलो रे घुट घुट कर क्यों जीना है स्वचछंद बयारे मन मे घोलो रे देखो जिंदगी कितनी हसीन है ईश्वर ने सुंंदर संसार रचा है उसमे तुम रच ...

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