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आंखें नम हैं देश के उस जांबाज़ के लिए सबकी आँखें नम हैं। सलामी दो,फूल चढ़ाओ, तारीफों के पुल बंधवाओ, सामने उसके सभी कम हैं। हां....आज फिज़ा में ये नमी सी ...