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गीत मानवता पर आज चल रही, दानवता की आरी है। आज जंग से आहत होती, दिखती दुनिया सारी है।। ग्रहण लगाया खुशियों पर, अब देखो इस दानवता ने। किंतु निभाया धर्म ...