जमींदार के दहशत भरे 10 दिन बीत जाते हैं और आखिर आ ही जाती है वो अमावस्या की रात.....जिसका जमींदार और तांत्रिक को इंतेजार था..... अब शमशान घाट में चल रहा ...

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