लेखनी प्रतियोगिता -आदर्श

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आदर्श #प्रतियोगिता आदर्शों की दुहाई रोज देता है इंसान। बनना चाहता है खुद की वो भगवान।। ले लेता है फैसले अपनों की बलि देकर। फिर पछताता है खुद बनकर वो हैवान।। ...

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