पागल पन बन जाता है

1 Part

219 times read

2 Liked

मुक्तक जब आंखों का सूनापन, यारो सावन बन जाता है। जब मरुथल के माफिक मन का, यह गुलशन बन जाता है।। आशाओं की चिता जलाकर, अपना बनता बेगाना। प्रेम वेदना पाता ...

×