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किसे पता था किसे पता था अंतर का मौन कुछ यूँ मुखर हो जाएगा। गुमनामी के अंधेरों से निकल जीवन की ओर बढ़ जाएगा। पाल रखे थे उसने भी कुछ छोटे ...