1 Part
226 times read
17 Liked
यादों का तहखाना आज दिल का तहखाना टटोला तो। ना जानें कितनी यादें द़बी थी। वह सगाई वाली पहली मुंदरी। जो नज़ाकत से मेरे हाथों में सज़ी थी। मोती गोटा लगा ...