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हुए है ख्वाब बेआब्रू,जिंदगी का पैमाना बदल गया, लिखा था जो निगाहों से,वो नज़ारा बदल गया, किसी की कोख तरसती है एक किलकारी के खातिर किसी को पैदा होते ही खामोश ...